ईशा ग्रामोत्सव

भारत की खेल भावना का उत्सव

अगस्त - सितंबर 2025

इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के उत्साह को फिर से जगाना और समुदाय, परंपरा और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना है

ईशा ग्रामोत्सव

भारत की खेल भावना का उत्सव

अगस्त - सितंबर 2025

इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के उत्साह को फिर से जगाना और समुदाय, परंपरा और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना है

ईशा ग्रामोत्सव

भारत की खेल भावना का उत्सव

अगस्त - सितंबर 2025

इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के उत्साह को फिर से जगाना और समुदाय, परंपरा और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना है

ईशा ग्रामोत्सव

भारत की खेल भावना का उत्सव

अगस्त - सितंबर 2025

इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के उत्साह को फिर से जगाना और समुदाय, परंपरा और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना है

ईशा ग्रामोत्सव

भारत की खेल भावना का उत्सव

अगस्त - सितंबर 2025

इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के उत्साह को फिर से जगाना और समुदाय, परंपरा और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना है

ईशा ग्रामोत्सव

भारत की खेल भावना का उत्सव

अगस्त - सितंबर 2025

इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के उत्साह को फिर से जगाना और समुदाय, परंपरा और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देना है

"ईशा ग्रामोत्सव मानवीय चेतना को ऊँचा उठाने का उत्सव है - ग्रामीण समुदायों को सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से पार पाने तथा एक स्वस्थ, आनंदपूर्ण और सफल जीवन जीने के लिए, इस समय इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है।"

झलकियाँ देखें

2024 की

ग्रामोत्सव के

पीछे की सोच

ग्रामीण भारत में 60% से अधिक लोग कामकाजी उम्र के हैं, लेकिन लाभ न दे पाने वाली कृषि और गैर-समावेशी विकास के कारण उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण युवा अपने को घोर गरीबी से घिरा हुआ पाते हैं और नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। ईशा ग्रामोत्सव ग्रामीण भावना को फिर से जागृत करने और ग्रामीण समुदाय में उत्सव के माहौल को वापस लाने का एक प्रयास है।

खेल और ग्रामीण संस्कृति के विस्तृत प्रदर्शन के माध्यम से, ईशा ग्रामोत्सव, ग्रामीणों को व्यसनों से दूर रहने, जातिगत बाधाओं को तोड़ने, महिलाओं को सशक्त बनाने और कभी न खत्म होने वाली ग्रामीण भावना को फिर से जगाने में मदद करके, समाज को बदलने का एक कारगर साधन बन गया है।

ग्रामोत्सव के

पीछे की सोच

ग्रामीण भारत में 60% से अधिक लोग कामकाजी उम्र के हैं, लेकिन लाभ न दे पाने वाली कृषि और गैर-समावेशी विकास के कारण उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण युवा अपने को घोर गरीबी से घिरा हुआ पाते हैं और नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। ईशा ग्रामोत्सव ग्रामीण भावना को फिर से जागृत करने और ग्रामीण समुदाय में उत्सव के माहौल को वापस लाने का एक प्रयास है।

खेल और ग्रामीण संस्कृति के विस्तृत प्रदर्शन के माध्यम से, ईशा ग्रामोत्सव, ग्रामीणों को व्यसनों से दूर रहने, जातिगत बाधाओं को तोड़ने, महिलाओं को सशक्त बनाने और कभी न खत्म होने वाली ग्रामीण भावना को फिर से जगाने में मदद करके, समाज को बदलने का एक कारगर साधन बन गया है।

ग्रामोत्सव के

पीछे की सोच

ग्रामीण भारत में 60% से अधिक लोग कामकाजी उम्र के हैं, लेकिन लाभ न दे पाने वाली कृषि और गैर-समावेशी विकास के कारण उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण युवा अपने को घोर गरीबी से घिरा हुआ पाते हैं और नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। ईशा ग्रामोत्सव ग्रामीण भावना को फिर से जागृत करने और ग्रामीण समुदाय में उत्सव के माहौल को वापस लाने का एक प्रयास है।

खेल और ग्रामीण संस्कृति के विस्तृत प्रदर्शन के माध्यम से, ईशा ग्रामोत्सव, ग्रामीणों को व्यसनों से दूर रहने, जातिगत बाधाओं को तोड़ने, महिलाओं को सशक्त बनाने और कभी न खत्म होने वाली ग्रामीण भावना को फिर से जगाने में मदद करके, समाज को बदलने का एक कारगर साधन बन गया है।

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पीछे की सोच

ग्रामीण भारत में 60% से अधिक लोग कामकाजी उम्र के हैं, लेकिन लाभ न दे पाने वाली कृषि और गैर-समावेशी विकास के कारण उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण युवा अपने को घोर गरीबी से घिरा हुआ पाते हैं और नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। ईशा ग्रामोत्सव ग्रामीण भावना को फिर से जागृत करने और ग्रामीण समुदाय में उत्सव के माहौल को वापस लाने का एक प्रयास है।

खेल और ग्रामीण संस्कृति के विस्तृत प्रदर्शन के माध्यम से, ईशा ग्रामोत्सव, ग्रामीणों को व्यसनों से दूर रहने, जातिगत बाधाओं को तोड़ने, महिलाओं को सशक्त बनाने और कभी न खत्म होने वाली ग्रामीण भावना को फिर से जगाने में मदद करके, समाज को बदलने का एक कारगर साधन बन गया है।

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पीछे की सोच

ग्रामीण भारत में 60% से अधिक लोग कामकाजी उम्र के हैं, लेकिन लाभ न दे पाने वाली कृषि और गैर-समावेशी विकास के कारण उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण युवा अपने को घोर गरीबी से घिरा हुआ पाते हैं और नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। ईशा ग्रामोत्सव ग्रामीण भावना को फिर से जागृत करने और ग्रामीण समुदाय में उत्सव के माहौल को वापस लाने का एक प्रयास है।

खेल और ग्रामीण संस्कृति के विस्तृत प्रदर्शन के माध्यम से, ईशा ग्रामोत्सव, ग्रामीणों को व्यसनों से दूर रहने, जातिगत बाधाओं को तोड़ने, महिलाओं को सशक्त बनाने और कभी न खत्म होने वाली ग्रामीण भावना को फिर से जगाने में मदद करके, समाज को बदलने का एक कारगर साधन बन गया है।

ग्रामोत्सव के

पीछे की सोच

ग्रामीण भारत में 60% से अधिक लोग कामकाजी उम्र के हैं, लेकिन लाभ न दे पाने वाली कृषि और गैर-समावेशी विकास के कारण उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण युवा अपने को घोर गरीबी से घिरा हुआ पाते हैं और नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। ईशा ग्रामोत्सव ग्रामीण भावना को फिर से जागृत करने और ग्रामीण समुदाय में उत्सव के माहौल को वापस लाने का एक प्रयास है।

खेल और ग्रामीण संस्कृति के विस्तृत प्रदर्शन के माध्यम से, ईशा ग्रामोत्सव, ग्रामीणों को व्यसनों से दूर रहने, जातिगत बाधाओं को तोड़ने, महिलाओं को सशक्त बनाने और कभी न खत्म होने वाली ग्रामीण भावना को फिर से जगाने में मदद करके, समाज को बदलने का एक कारगर साधन बन गया है।

कैसे खेल ने जीवन को बदल दिया है

मुख्य घटक

वॉलीबॉल, थ्रोबॉल और कबड्डी के मुकाबले तीन स्तरों पर खेले जाते हैं – क्लस्टर, डिविजनल और फाइनल्स, जो कई हफ्तों तक चलते हैं।
फाइनल्स एक तीन-दिवसीय खेल महोत्सव है, जो आदियोगी के सामने आयोजित किया जाता है।
ग्रामीण संस्कृति, मनोरंजक खेल, नृत्य, संगीत, कलाएं और पारंपरिक व्यंजन इस आयोजन को और भी आकर्षक बनाते हैं।

प्रभाव

2,00,000+

खिलाड़ी

18,000+

टीमें

35,000+

गांव

38,600+

महिला खिलाड़ी

मशहूर हस्तियों ने

साझा किया

खेल

icon

वॉलीबाल

पुरुषों के लिए | प्रत्येक टीम में 6 + 1 खिलाड़ी

विजेता पुरस्कार: INR 5,00,000

रजिस्ट्रेशन निःशुल्क और अनिवार्य है

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परिवर्तन की

कहानियां

सांस्कृतिक

कार्यक्रम

इस कार्यक्रम में स्थानीय संस्कृति, कला, नृत्य, संगीत, पारंपरिक खेल और व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाता है।

पुरस्कार एवं मान्यताएं

2018 में भारत सरकार के राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित
2018 के संस्करण के लिए यूनिसेफ के साथ साझेदारी
भारत सरकार के युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त
2007 से संयुक्त राष्ट्र ECOSOC के साथ विशेष परामर्शदाता का दर्जा

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