मिट्टी का जादू
“एकमात्र जादूई चीज़, जो मृत्यु को जीवन में बदल देती है।”
– सद्गुरु
मिट्टी बचाओ अभियान का उद्देश्य है पूरी मानवता को एकजुट करना, ताकि मिट्टी का जादू जीवंत बना रहे।
मिट्टी बचाओ डाक्यूमेंट्री देखें
लेकिन...
मिट्टी वाकई क्या है और ये क्या करती है?
आइए नीचे दिए गए कुछ प्रश्नों और उनके उत्तरों की मदद से इसे समझें।
प्रश्न 1 / 6
मिट्टी है ______
मिट्टी हमारे जीवन का आधार है। लेकिन ...
खेती, जंगलों की कटाई, और दूसरी कई वजहों से ऊपरी मिट्टी बहुत तेज़ी से खराब और नष्ट हो रही है। विश्व स्तर पर, 52% खेती की भूमि पहले ही खराब हो चुकी है। धरती संकट में है। यदि मिट्टी इसी तेज़ी से ख़राब होती रही, तो इस धरती पर जीवन का अंत हो जाएगा।
बहुत बुरी क्वालिटी
बुरी क्वालिटी
स्थिर
कोई पेड़-पौधे नहीं हैं
धरती संकट में है
भोजन संकट
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 20 वर्षों बाद धरती पर 930 करोड़ लोग होंगे, और तब 40% कम भोजन का उत्पादन होगा।
खराब मिट्टी की वजह से भोजन की पौष्टिकता कम हो जाती है। आज के फलों और सब्जियों में, पोषक तत्व पहले ही 90% कम हो गए हैं।
2 अरब लोग पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां हो रही हैं।
पानी की कमी
अगर मिट्टी की क्वालिटी ख़राब हो जाए, तो वह मिट्टी जल के बहाव को सोखकर उसे कंट्रोल नहीं कर पाती है।
जल को सोखने की क्षमता की कमी से पानी की कमी होती है, जिससे सूखा और बाढ़ होते हैं।
कार्बनिक पदार्थ अपने वजन के 90% हिस्से में पानी सोख सकते हैं, और समय के साथ इस पानी को धीरे-धीरे छोड़ सकते हैं। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में ये एक बड़ी मदद है।
जैव-विविधता (बायोडायवर्सिटी) का नुकसान
वैज्ञानिकों का कहना है कि अलग-अलग प्राणियों के रहने की जगह नष्ट होने जाने के कारण, हर साल प्राणियों की लगभग 27000 प्रजातियों का विनाश हो रहा है।
यह संकट उस बिंदु पर पहुंच गया है, जहां 80% कीट बायोमास (इन्सेक्ट बायोमास) खत्म हो चुका है।
जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी) के नुकसान की वजह से, मिट्टी पर असर पड़ता है और मिट्टी की फिर से जीवंत होने की क्षमता कम हो जाती है।
जलवायु बदलाव
मिट्टी में मौजूद कार्बन, जीवित पौधों में मौजूद कार्बन की तुलना में तीन गुना, और वातावरण में मौजूद कार्बन की तुलना में दोगुना होता है - जिसका अर्थ है कि कार्बन को समेटने और स्टोर करने के लिए मिट्टी महत्वपूर्ण है।
अगर दुनिया की मिट्टी को फिर से जीवंत नहीं किया गया, तो 850 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड मिट्टी से निकलकर वातावरण में जा सकती है। पिछले 30 वर्षों में पूरी मानवता ने जितनी कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में फैलाई है, यह मात्रा उससे भी ज़्यादा है।
कमाई का नुकसान
मिट्टी की क्वालिटी ख़राब होने की वजह से हज़ारों किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
विश्व स्तर पर ज़मीन की क्वालिटी ख़राब होने से 74 प्रतिशत गरीब सीधे तौर पर प्रभावित हैं।
ये अनुमान लगाया गया है कि मिट्टी के विनाश होने से दुनिया को हर साल 10.6 ट्रिलियन (10.6 लाख करोड़) अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो रहा है।
संघर्ष और अपनी ज़मीन छोड़कर कहीं और जाना
जनसंख्या वृद्धि और भोजन और पानी की कमी के कारण, वर्ष 2050 तक 100 करोड़ से अधिक लोग दूसरे क्षेत्रों और देशों में पलायन कर सकते हैं।
1990 के बाद से अफ्रीका में 90% से अधिक प्रमुख युद्धों और संघर्षों में भूमि के मुद्दों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
माना जाता है कि फ्रांसीसी क्रांति से लेकर अरब वसंत तक - सभी बड़े पैमाने के विरोध आंदोलनों के पीछे की एक वजह रही है - भोजन की ऊंची कीमतें।
मिट्टी : एक समग्र समाधान
लगभग हर बड़ा पर्यावरण का संकट, कुछ हद तक, मिट्टी की क्वालिटी के ख़राब होने का ही एक परिणाम या लक्षण है। इसी तरह, पर्यावरण से संबंधित लगभग हर समस्या को मिट्टी को स्वस्थ बनाकर सुलझाया जा सकता है।
यह सोचना वाकई एक भ्रम है कि हम अपने पर्यावरण के किसी एक पहलू को बाकी पहलूओं से अलग मानकर, उससे जुड़ी समस्याएं सुलझा सकते हैं - क्योंकि पर्यावरण तंत्र का कोई भी पहलू दूसरे पहलूओं से अलग रहकर कार्य नहीं करता। कोई समाधान तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक हम इस बारे में जागरूक नहीं हो जाएंगे कि हर जीव आपस में जुड़ा हुआ है, सभी का जीवन आपसी एकजुटता के साथ घटित हो रहा है। कई मायनों में, मिट्टी वह मंच है जिस पर जीवन पनपता है। अगर हम मिट्टी को ठीक करते हैं, तो हमारे पास जीवन के हर पहलू को ठीक करने का सबसे अच्छा मौका होगा।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
विज्ञान का क्या कहना है??
S.O.S - मिट्टी को बचाओ?
मिट्टी का मैनेजमेंट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
जैव विविधता (बायोडायवर्सिटी)
पूरी दुनिया में हर साल लगभग 24 अरब टन उपजाऊ मिट्टी और 27,000 जैव-प्रजातियां (बायो-स्पीशीज़) नष्ट हो जाती हैं
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट : दुनिया के खेत 'ब्रेकिंग पॉइंट' (टूटने की कगार) तक पहुँच चुके हैं
जलवायु बदलाव
दुनिया भर में खेती जलवायु में आये बदलाव के तनाव को झेल रही है, और प्रदूषण से हुए नुकसानों का सामना कर रही है। इन्हें फिर से ठीक करने के लिए हमें जल्द से जल्द टिकाऊ तरीके अपनाने होंगे....
ओह सॉइल
मिट्टी की सुगन्ध
मेरे लिए अधिक कोमल है
फूल की सुगंध की तुलना में
जीवन की ताकत और संवेदनशीलता से
मिट्टी में निहित
एक अलग तरह के जुनून की लहरें पैदा होती हैं
।
जुनून किसी व्यक्ति का नहीं
बल्कि मेरी प्रजाति का
जो असंवेदनशील हो गई है
उन सभी चीज़ों के प्रति जो इसे पोषित करते हैं
और अंत में उसे अपने अंदर समा लेते हैं।
जैसे ही मैं नंगे पैर चलता हूं, मुझमें उठने लगते हैं
जुनून इतने गहरे
कि उन्हें शब्दों में बयान करना मुश्किल है।
ओह 'मिट्टी, मेरी जान
सद्गुरु की कविता
आइये इसे संभव बनाएं!